
भिंड।बीते कई दिनों से जारी खाद संकट और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और मध्यप्रदेश किसान सभा ने संयुक्त रूप से बड़ा प्रदर्शन किया। किसान संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गोहद स्थित राइस मिल के सामने किसानों के बीच धरने पर बैठ गए। इस दौरान कार्यकर्ता हाथों में लाल झंडे और बैनर लेकर प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे।
सभा को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश किसान सभा के प्रदेश महासचिव अखिलेश यादव, माकपा नेता एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रेम नारायण माहौर, जिला महासचिव राजेश शर्मा, उपाध्यक्ष राजेंद्र कुशवाह और किसान नेता बीरेंद्र कुशवाह ने कहा कि प्रदेश सरकार खाद संकट के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। वक्ताओं ने प्रशासन पर खाद की कालाबाजारी कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि किसान सुबह से शाम तक लंबी लाइनों में खड़े रहते हैं, लेकिन तय कीमत पर पर्याप्त खाद उन्हें नहीं मिल रहा है।
सभा के बाद सैकड़ों किसानों ने पैदल मार्च निकालते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने मांग की कि खाद वितरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए, टोकन व्यवस्था को सुचारू बनाया जाए, केंद्रों पर छाया और पानी की व्यवस्था हो तथा रकबे के हिसाब से खाद उपलब्ध कराया जाए। साथ ही अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई करने की भी मांग उठाई गई।
कानून व्यवस्था को लेकर सौंपे गए ज्ञापन में किसान नेताओं ने बरोना गांव में नरोत्तम माहौर को डीजल से जलाने के आरोपियों की गिरफ्तारी, करोड़े केपुरा में वर्षा की हत्या करने वालों को पकड़ने, जुआ-सट्टा रोकने, पुलिस गश्त बढ़ाने, चोरियों पर अंकुश लगाने, सार्वजनिक स्थानों पर चौकियां बनाने और वारंटियों की गिरफ्तारी की मांग की। ज्ञापन की एक प्रति गोहद एसडीओपी को भी सौंपी गई।
नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि आने वाले दिनों में खाद संकट और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
इस प्रदर्शन और सभा में बड़ी संख्या में महिलाएं और किसान शामिल हुए। इनमें हरगोबिंद जाटव, मेहताब बाल्मीकि, नीतू माहौर, भारती माहौर, भारती कुशवाह, लोकेन्द्र माहौर, देवाराम कुशवाह, जगदीश माहौर, गगाप्रसाद माहौर, त्रिवेणी प्रजापति, महिला समिति नेता शोभा माहौर, गुड्डी बाई माहौर, नेमा देवी, हेतराम माहौर, सरोज श्रीवास, नारायण माहौर, सुनील माहौर, रणवीर माहौर, पुरुषोत्तम कुशवाह, मुरारीलाल जाटव, सुंदरपाल माहौर, टीकाराम कचन, बैटू माहौर सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और किसान मौजूद रहे।













