
मऊगंज जिले के देवतालाव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा, जब ब्लॉक अध्यक्ष पद की हालिया नियुक्ति को लेकर पार्टी के भीतर भारी असंतोष खुलकर सामने आ गया। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति से नाराज होकर युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष समेत कई सक्रिय युवाओं ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है।युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया है, उसे महज एक वर्ष पूर्व पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोपों में कांग्रेस से निष्कासित किया गया था। ऐसे व्यक्ति को पुनः जिम्मेदारी देना न केवल पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि उन कार्यकर्ताओं का मनोबल भी तोड़ने वाला है जो वर्षों से ईमानदारी से संगठन के लिए काम कर रहे हैं।
पंकज द्विवेदी ने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित व्यक्ति के कार्यकाल में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को बेहद कम मत प्राप्त हुए थे, जबकि उसके परिवार में पहले से ही पार्टी के दो-दो पद मौजूद थे। इसके बावजूद उसी परिवार को फिर से संगठन में प्रमुख जिम्मेदारी देकर कांग्रेस पार्टी को एक ही घर तक सीमित कर दिया गया है, जो जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है।
नाराज युवा नेताओं का कहना है कि यह नियुक्ति स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से किसी भी तरह की सलाह या चर्चा किए बिना की गई है। पार्टी नेतृत्व द्वारा जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी किए जाने से युवाओं में गहरा आक्रोश है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब ऐसे लोगों को फिर से पार्टी में जिम्मेदार पद दिए जा रहे हैं, जिनकी भूमिका चुनाव में कमजोर रही है और जो पहले निष्कासित हो चुके हैं, तो हम जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं का पार्टी में बने रहना उचित नहीं है।
इसी असंतोष के चलते युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष पंकज द्विवेदी के साथ-साथ महेश्वर तिवारी, विवेक द्विवेदी, पुष्पराज तिवारी, शुभम त्रिपाठी, अनिरुद्ध गौतम, पंकज तिवारी, रवि मिश्रा सहित कई युवा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ दिया है। इस सामूहिक इस्तीफे से देवतालाव क्षेत्र में कांग्रेस संगठन की स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है और आगामी चुनावी समीकरणों पर भी इसका असर पड़ सकता है।
स्थानीय राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि पार्टी नेतृत्व ने समय रहते इस असंतोष को गंभीरता से नहीं लिया, तो आने वाले समय में कांग्रेस को और भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिलहाल इस पूरे मामले पर जिला और प्रदेश स्तर के कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।












