
बालाघाट। मध्यप्रदेश में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक ऐतिहासिक सफलता मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में रविवार को बालाघाट में 10 नक्सलियों ने हथियारों समेत आत्मसमर्पण किया। समर्पण करने वालों में 4 महिला नक्सली भी शामिल हैं। इन सभी पर कुल 2.36 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण के बाद सभी नक्सलियों ने अपने हथियार सौंपे और संविधान की प्रति लेकर मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प लिया। सबसे बड़ा इनामी नक्सली कबीर, जिस पर ₹77 लाख का इनाम था, भी इस सूची में शामिल है।
सरकार की कड़ी नीति और लगातार अभियान का परिणाम
सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य में किसी भी व्यक्ति को हथियार उठाने की अनुमति नहीं है। सरकार चाहती है कि नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, जहां उनके पुनर्वास, सुरक्षा और विकास की पूरी जिम्मेदारी सरकार लेगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में एंटी नक्सल अभियान को लगातार मजबूत किया गया है। 15 नए अस्थायी कैंप, हॉक फोर्स के 882 नए पद, और लगातार सतत निगरानी से नक्सली गतिविधियां तेजी से घटी हैं।
सीएम ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 46 एकल सुविधा केंद्र खोले गए हैं, जहां स्थानीय नागरिकों को रोजगार, वन अधिकार पत्र सहित कई सुविधाएं दी जा रही हैं।
शहीद आशीष शर्मा को याद करते हुए सीएम ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले 328 पुलिसकर्मियों व हॉक फोर्स को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी दिया गया है।
लांजी के मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने छोड़ा हथियार
यह आत्मसमर्पण हाल ही में लांजी क्षेत्र में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद हुआ, जिसमें सुरक्षा बलों के दबाव में पूरा नक्सली समूह बिखर गया था। कई दिनों तक जंगलों में कार्रवाई और लगातार दबाव के बाद नक्सलियों ने समर्पण का रास्ता चुना।
पुलिस की रणनीति सफल— डीजीपी का बयान
डीजीपी कैलाश मकवाना ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति, रोजगार के अवसर, कौशल विकास और स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की रणनीति के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
किन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण (लिस्ट)
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सुरेंद्र उर्फ कबीर – 77 लाख इनाम
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राकेश ओडी उर्फ मनीष
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लालसिंह मरावी उर्फ सींगा
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शिल्पा नुप्पो
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सलीता उर्फ सावित्री
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नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा
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जयशीला उर्फ ललिता
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विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी
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जरिना उर्फ जोगी
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समर उर्फ समारू
एमपी सरकार की नीति का असर
अधिकारियों के अनुसार, मध्यप्रदेश सरकार के लक्ष्य— मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
इससे पहले भी एक नवंबर को महिला नक्सली सुनीता ने आत्मसमर्पण किया था, जिससे साफ संकेत मिलता है कि सरकार की रणनीति नक्सलियों पर सीधे असर कर रही है।













