ऑपरेशन रिंग टोन: मऊगंज पुलिस ने 37 गुम मोबाइल किए बरामद

मऊगंज। पुलिस अधीक्षक मऊगंज दिलीप सोनी के निर्देशन और एसडीओपी मऊगंज सचि पाठक के मार्गदर्शन में संचालित विशेष अभियान “ऑपरेशन रिंग टोन” ने शुक्रवार को बड़ी सफलता हासिल की है। गुमशुदा और चोरी हुए मोबाइल फोनों की तलाश में चल रहे इस अभियान के तहत पुलिस ने तकनीकी सतर्कता और सर्विलांस सिस्टम की मदद से कुल 37 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग ₹6 लाख 50 हजार आंकी गई है। बरामद किए गए सभी मोबाइल फोन पुलिस कंट्रोल रूम मऊगंज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उनके वास्तविक मालिकों को सौंपे गए। अपने लंबे समय से गुम हुए मोबाइल वापस पाकर नागरिकों के चेहरों पर खुशी और संतोष साफ दिखाई दिया। कई लोगों ने पुलिस टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मोबाइल लौटना सिर्फ गैजेट मिलना नहीं, बल्कि उनकी जरूरी फाइलें, संपर्क और निजी यादें वापस मिलने जैसा है।

इस अभियान में मऊगंज पुलिस ने CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल, उन्नत तकनीकी विश्लेषण, IMEI ट्रैकिंग और लोकेशन बेस्ड सर्विलांस का उपयोग करते हुए अलग-अलग जिलों और अन्य राज्यों से मोबाइल फोन ट्रेस किए। पुलिस तकनीकी टीम की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने इस अभियान को विशेष सफलता दिलाई। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी ने कहा कि “ऑपरेशन रिंग टोन केवल खोए हुए मोबाइल लौटाने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। मोबाइल आज सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि व्यक्ति की व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यावसायिक गतिविधियों का आधार है। ऐसे में पुलिस का ये प्रयास जनता के विश्वास को मजबूत करता है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा और जितने भी गुम मोबाइलों की शिकायतें मिलेंगी, उनकी खोज प्राथमिकता पर की जाएगी।

एसडीओपी सचि पाठक ने भी इस अभियान की सफलता की सराहना करते हुए पुलिस टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से पुलिस अब ऐसे मामलों को और अधिक तेज़ी और प्रभावी ढंग से सुलझा रही है। साथ ही उन्होंने नागरिकों से अपील की कि मोबाइल खोने या चोरी होने पर तुरंत पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं और CEIR पोर्टल पर भी जानकारी दें, जिससे मोबाइल को जल्दी ट्रैक किया जा सके। मऊगंज पुलिस ने आश्वासन दिया है कि “ऑपरेशन रिंग टोन” आगे भी इसी तरह जारी रहेगा और नागरिकों के गुमशुदा मोबाइलों की खोज के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस अभियान ने न सिर्फ 37 मोबाइल वापस कराए, बल्कि 37 परिवारों के चेहरों पर मुस्कान भी लौटा दी।

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