सीतापुर में दबंगई का आतंक: दुकानदार को दी गालियाँ, प्रशासन मौन

मऊगंज जिले की सीतापुर ग्राम पंचायत में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। यहाँ खुलेआम एक ऐसा माहौल बन गया है जहाँ आम नागरिकों की सुरक्षा, सम्मान और मानसिक शांति खतरे में है। सीतापुर क्षेत्र में रहने वाला स्थानीय दबंग मोहम्मद ख्वाजा खुलेआम गुंडई करता फिर रहा है और ग्रामीणों में उसके नाम का डर इस कदर बैठ गया है कि कोई भी उसके खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा।

ताज़ा मामला सीतापुर बस स्टैंड के पास की एक छोटी दुकान चलाने वाले दीपू गुप्ता के साथ हुई अभद्र घटना का है। दीपू गुप्ता ने बताया कि मोहम्मद ख्वाजा ने बिना किसी कारण के उन्हें माँ-दादी तक की गालियाँ दीं और सार्वजनिक रूप से इस तरह का मानसिक उत्पीड़न किया कि वह सदमे में आ गए। पीड़ित ने रोते हुए बताया कि न वह मौके पर मौजूद था और न ही उसका ख्वाजा से कोई व्यक्तिगत विवाद है, फिर भी दबंग ने उन्हें निशाना बनाते हुए अश्लील और बेहद आपत्तिजनक गालियाँ दीं।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। मोहम्मद ख्वाजा लंबे समय से अवैध गतिविधियों, अतिक्रमण, और गुंडागर्दी में शामिल रहा है। बस स्टैंड पर अवैध कब्जा करने और यात्रियों को परेशान करने से लेकर पत्रकारों तक पर दबाव बनाने की कोशिश करना—ख्वाजा का पुराना इतिहास रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, जब उसका मूड खराब होता है, वह राह चलते लोगों को गालियाँ देना शुरू कर देता है और विरोध करने पर मारपीट की धमकी भी देता है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी गंभीर शिकायतों के बावजूद पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मूकदर्शक बने हुए हैं। सीतापुर के कई लोगों का कहना है कि मानो प्रशासन ने “चूड़ियाँ पहन ली हैं” और अब अपराधियों को खुली छूट मिल गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर मोहम्मद ख्वाजा को ऐसा ऊपर से संरक्षण मिल रहा है कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।

ग्रामीणों के अनुसार, राजनीति से जुड़े कुछ सफेदपोश नेता ख्वाजा को संरक्षण देते हैं और इसी राजनीतिक ताकत के दम पर वह लोगों को धमकाता है। सीतापुर के निवासियों का कहना है कि आज वह खुलेआम माँ-बहन की गालियाँ दे रहा है, कल यही व्यक्ति घरों में घुसकर मारपीट करेगा और प्रशासन कुछ नहीं कर पाएगा।

अब जनता की माँग है कि मऊगंज के कलेक्टर व एसपी इस मामले को गंभीरता से लें और मोहम्मद ख्वाजा पर तुरंत कठोर कार्रवाई करें। यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो सीतापुर की जनता सड़कों पर उतरकर इस गुंडई और संरक्षणवाद के खिलाफ आंदोलन शुरू करने को मजबूर होगी।

 

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